गोंडवाना संदेश रायपुर:- पाली तानाखार विधायक श्री तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम को जनसंपर्क के दौरान मिली मौखिक शिकायत के आधार पर श्री उद्योग मंत्री से क्षेत्र के रोजगार , पुनर्वास , विस्थापन एवं मूलभूत सुविधाओं के लिए शासन द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी के संबंध में विधानसभा सत्र में विधायक द्वारा जानना चाहा कि कोरबा जिला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के अंतर्गत पांचवी अनुसूची क्षेत्र में अधिसूचित है एवं पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार अधिनियम 1996 को केंद्र सरकार ने लागू किया था कि ग्राम सभाओं के जरिए अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए स्वशासन सुनिश्चित हो सके साथ ही इसी क्रम में पेशा संशोधन अधिनियम 2022 को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रभावशील में लाया गया है । जहां प्रदेश व देश के विकास में कोरबा जिला का महत्वपूर्ण भूमिका है । यहां पर देश एवं प्रदेश के विकास हेतु अनेको सार्वजनिक उपक्रम व पावर प्लांट की साथ-साथ निजी कंपनी संचालित है । जिसमें जिले के हजारों परिवार विस्थापित /प्रभावित हुए हैं । सार्वजनिक उपक्रम पावर प्लांट एवं निजी कंपनी द्वारा निवेश के पूर्व रोजगार , पुनर्वास , विस्थापन एवं मूलभूत सुविधाओं के लिए शासन के नियमानुसार अनुबंध होता है ।किंतु सार्वजनिक उपक्रम एवं निजी कंपनियों द्वारा अनुबंधित प्रावधानों को दरकिनार किए जाने से भू स्थापित / भू प्रभावित किसान पीड़ित , प्रताड़ित एवं उपेक्षित हैं । इस तरह जिले में संचालित सार्वजनिक उपक्रम पावर प्लांट , निजी कंपनियों द्वारा स्थानीय भू – विस्थापित / भू – प्रभावितों पीड़ित को दरकिनार कर कुशल एवं अकुशल श्रमिकों की भर्ती आउटसोर्सिंग के तहत भर्ती के जाने से लोग रोजी रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं । भ्रष्टाचार चरम पर है । जिसकी सूचना भू स्थापित एवं भू प्रभावितों द्वारा अनेकों बार ध्यान आकर्षण कराया गया है किंतु शासन प्रशासन द्वारा सकारात्मक ठोस कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण भू स्थापित एवं भू प्रभावित जन प्रतिनिधियों द्वारा निरंतर धरना प्रदर्शन , जन आंदोलन करते रहते हैं । जिससे लोगों एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों में शासन प्रशासन के प्रति बहुत ज्यादा आक्रोश व्याप्त है । का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री देवांगन द्वारा जानकारी दिया गया कि जिले के जिन लोगों की जमीन पुनर्वास नीति के तहत अधिग्रहित की गई थी । रमन सरकार में पुर्नस्थापितों की समस्या पर तेजी से काम किया गया था । प्रदेश के प्रभारी मंत्री रहे अमर अग्रवाल की अध्यक्षता में आखरी बार जिला पुनर्वास समिति की बैठक वर्ष 2017 में कटघोरा में हुई थी । इसके बाद पूर्ववर्ती सरकार में एक भी बैठक पुनर्वास समिति कि नहीं हुई ।इसकी वजह से पुर्नस्थापितों की समस्या लगातार बढ़ती चली गई । श्रम मंत्री श्री देवांगन ने बताया कि उपमुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री अरुण साव से अनुरोध किया गया है की जल्द से जल्द पुनर्वास समिति की बैठक रखी जाए इस पर प्रभारी मंत्री द्वारा अपनी सहमति दे दी गई है । मंत्री श्री देवांगन ने बताया कोरबा जिले के सार्वजनिक उपक्रम एवं निजी संस्थाओं द्वारा भू स्थापित एवं परिवारों का समय-समय पर पात्रता अनुसार रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं । जिसके अनुसार एसईसीएल गेवरा क्षेत्र में 2570 , एसईसीएल कोरबा क्षेत्र में 1167 , एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में 2052 , एसईसीएल दीपका क्षेत्र में 1505 , एनटीपीसी में 323 , लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड में 331 , सीएसईबी पश्चिम में 101, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह में 155 ,स्प्रेक्टम कॉल एवं पावर लिमिटेड में 305 , एसीबी इंडिया लिमिटेड में 104 , प्रकाश इंडस्ट्रीज में 66 , एसव्ही पावर प्राइवेट लिमिटेड में 200 इस प्रकार कुल 8879 भू स्थापितों को पात्रता अनुसार रोजगार प्रदान किया जा चुका है । तथा शेष भू-स्थापितों को पात्रता अनुसार रोजगार देने का प्रक्रियाधीन है ।भू- स्थापितों के आवेदन एस ई सी एल एवं एनटीपीसी इत्यादि को प्राप्त होने पर उनके पुनर्वास संबंधी पात्रता की जांच संबंधित कंपनी एवं जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से की जाती है एवं पात्रता होने पर रोजगार नियमानुसार उपलब्ध कराया जाता है ।
