KORBA NEWS:- रानी अटारी से कोरबी गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण को लेकर जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर अमझर में कलेक्टर को दो टूक शब्द में विधायक तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम ने स्पष्ट भाषा में बोल दिया है कि पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र में किसी प्रकार की गुणवत्ता हीन निर्माण कार्य बर्दास्त नहीं किया जाएगा। एस ई सी एल प्रबंधन किसी गलतफहमी में न रहे। भू अर्जुन के समय जो नियम व शर्तें स्वीकार किए हैं उसका क्षेत्र में पूर्णतः पालन करें ।
रानी अटारी से कोरबी पहुंच मार्ग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया –
जिला मुख्यालय कोरबा से 97 किलोमीटर दूर संचालित रानी अटारी भूमिगत कोयला खदान जो पोंड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत है । जिसका संचालन एस ई सी एल क्षेत्र चिरमिरी परियोजना द्वारा किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रवासियों द्वारा क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं को लेकर चक्का जाम ,धरना प्रदर्शन करने के बाद प्रबंधन द्वारा रानी अटारी से कोरबी तक सड़क निर्माण की स्वीकृति दिया गया जो निर्माण के एक माह में ही उखड़ने लगा है।
रानी अटारी भूमिगत कोयला खदान के लिए 8 अप्रैल 2010 को एस ई सी एल प्रबंधन द्वारा पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी लेकर पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक में 389.491 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जिम्मेदारी लेकर कोयला खनन की प्रक्रिया प्रारंभ किया । लेकिन एस ई सी एल प्रबंधन द्वारा क्षेत्र के मूलभूत बुनियादी सुविधा को लगातार नज़र अंदाज कर मूलभूत बुनियादी सुविधा जैसे सड़क , स्वास्थ्य , शिक्षा ,रोजगार ,शुद्ध पेयजल से प्रभावित किसानों को वंचित कर रहा था । जिसके विरोध में जनप्रतिनीधियों ने ग्रामीणों व अनेक संगठन के समर्थन में वक्त वक्त में आंदोलन के माध्यम से प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट करते थे । इसी कड़ी में रानी अटारी से कोरबी पहुंच मार्ग कोयला परिवहन के वजह से जर्जर हो चुका था । प्रबंधन के उदासीनता की वजह से क्षेत्र वासियों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था । जिसके लिए क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों को सड़क पर आकर आंदोलन करना पड़ा तब प्रबंधन अपनी गहरी निंद्रा से जागकर अपनी जिम्मेदारी का एहसास कर सी एस आर मद से 25 किलोमीटर जर्जर सड़क की निर्माण के लिए 14. 89 करोड़ राशि स्वीकृत किया । क्षेत्र वासियों के लिए सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है , जिस जर्जर सड़क के लिए क्षेत्र वासियों को आंदोलन करना पड़ा और बड़ी मुश्किल से प्रबंधन ने सी एस आर मद से कार्य स्वीकृत किया लेकिन ऐसा गुणवत्ताहिन सड़क निर्माण हुआ कि निर्माण के एक माह बाद सड़क जगह-जगह से उखड़ने लगा है । जिसके कारण प्रभावित क्षेत्र के किसान प्रबंधन के खिलाफ आक्रोशित नजर आ रहे हैं।
क्या है सी एस आर मद..?
यह एक ऐसी अवधारणा है जिसमें व्यवसायी द्वारा अपने लाभ के अलावा प्रभावित क्षेत्र में निवासरत ग्रामीणों के लिए मूलभूत बुनियादी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्षेत्र का संपूर्ण विकास करना होता है । जैसे क्षेत्र की बेरोजगारों को रोजगार का अवसर प्रदान करना , शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर उचित व्यवस्था करना , शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना , स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराना एवं वातावरण के प्रति गंभीर होकर वातानुकूलित पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक , सामाजिक कार्यक्रम संचालित करना होता है ।
