बलिया। 9 अगस्त 2024 को अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर जिले के आदिवासी जनजाति गोंड, खरवार समुदाय के लोग गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेतृत्व में आदिवासी गांेडऊ नाच गोंडऊ बाजा हुरूका के साथ जुलुस के शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुॅचकर जोरदार प्रदर्शन कर उ0प्र0 में राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन करने व भारत सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार गोंड, खरवार को सुगमतापूर्वक अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र निर्गत करने की मांग को प्रमुखता से उठाया। माॅडल तहसील पर जुलुस पहुॅचकर जनसभा में तब्दील हो गया। इस अवसर पर गांेडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष सुमेर गोंड ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व के आदिवासी समुदाय के जल, जंगल व जमीन पे प्राकृतिक अधिकार के संरक्षण तथा आदिवासियों के सभ्यता व संस्कृति, रीति-रिवाज को संरक्षित करने हेतु व इनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने हेतु 9 अगस्त को अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस घोषित किया गया है जो आदिवासी जनजाति को अपने अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष करने की प्रेरणा व उर्जा प्रदान करता है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरविन्द गोंडवाना ने कहा कि आज के आदिवासी दिवस पर प्रदेश, देश व विश्व के सभी आदिवासी समुदाय को यदि सभी पीड़ित संगठित हो जाय तो पीड़ित ही पावर बन जाते है के तर्ज पर गाँव-गाँव में जाकर संगठन बनाने की आवश्यकता है। गोंडवाना विचारक छितेश्वर गोंड ने विश्व आदिवासी दिवस पर अपना व्याख्यान देते हुए इसकी महत्वतता पर प्रकाश डाला। महिला मौर्चा के अध्यक्ष श्रीमती नैना देवी ने कहा कि गोंडवाना वीरांगना महारानी को दुर्गावती से प्रेरणा लेकर हम मात्र शक्ति को अपने बच्चों के भविष्य के लिए आगे आकर संगठित, संघर्ष छेड़ने की आवश्यकता है। इसके पश्चात् जुलुस के शक्ल में गोंडऊ बाजा हुरूका बजाते हुए सभी प्रदर्शनकारी गोंड, खरवार पुनः कलेक्ट्रेट पहुँचे और जमकर आदिवासी गोंडऊ नाच का प्रदर्शन किया। मौके पर नगर मजिस्ट्रेट ने आकर महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व राज्यपाल जी को सम्बोधित ज्ञापन स्वीकार किया जिसमें उ0प्र0 के जनजाति आयोग गठित करने, गोंड खरवार को सुगमतापूर्वक अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी करने, भूमिहीन आदिवासी जनजाति समुदाय को बसने हेतु आवासीय पट्टा तथा कृषि हेतु कृषि पट्टा देने, विश्व आदिवासी दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग प्रमुख रहीं। कार्यक्रम को प्रमुख रूप से गोंडवाना विचारक छितेश्वर गोंड, ललन जी गोंड, अलगू गोंड, सुमेर गोंड, गोपाल जी खरवार, संजय गोंड, मनोज शाह, सुरेश शाह, बच्चा लाल गोंड, परशुराम खरवार, श्रीमती नैना देवी, चिन्ता देवी, उमाशंकर गोंड, गीता देवी, कौशल्या देवी, मीना देवी, सुशीला देवी, विश्वेश्वर गोंड, सूचित गोंड, विनोद गोंड, शिवशंकर खरवार, गोरख गोंड, बबलू गोंड, मनु गोंड, ओमप्रकाश गोंड, शिवसागर गोंड, चन्द्रशेखर खरवार, दुर्गविजय खरवार ने भी सम्बोधित किया।
