नौनिहाल बच्चों का पानी पी गए डोंगरी -सरपंच,सचिव, रनिंग वाटर स्थापना का फर्जी बिल लगाकर निकाली 70 हज़ार की राशि

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*कोरबा/कटघोरा:-* डोंगरी ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर भ्रष्ट्राचार की सारी हदें पार कर दी और दोनों के सांठगांठ से जनता के पैसे का जमकर फर्जीवाड़ा किया गया तथा अधिकतर कार्य कागजों में दिखाने वाले इस पंचायत के जिम्मेदारों ने एक से बढ़कर एक भ्रष्ट्र ईबारत लिखते हुए पंचायत को लाखों का चूना लगाया।

जिले के कटघोरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगरी के सरपंच इंद्रपाल सिंह कंवर और सचिव सजन सिंह कंवर के मिलीभगत ने इस पंचायत के विकास में ग्रहण लगा दिया है। इस ग्राम के निवासियों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने व अन्य निर्माण के नाम पर मूलभूत मद, 14वें व 15वें वित्त आयोग की राशि पर हाथ साफ करने वाले जिम्मेदारों ने मनमाफिक खर्च दिखाकर रुपयों का आहरण कर लिया और कागजों में काम दिखाकर शासन को लाखों का चूना लगाया। यदि गांव के किसी जागरूक ग्रामीण ने इस मनमाने रवैये का विरोध किया तब सरपंच- सचिव ने सीना ठोक ऊपर तक बटवारे की राशि देने व जांच कराने की बाते कही। लेकिन जब इनके काले कारनामे की पोल परत दर परत खुलने लगी तब अपने आप को ईमानदार बताने के हथकंडे अपना डोंगरी पंचायत को विकास के मामले में मिल का पत्थर साबित करने में लगे हुए है। विकास के लिए शासन से जारी लाखों की राशि मे बंदरबांट करने वाले सरपंच सचिव के ढोल में एक और पोल का खुलासा हुआ है, जिसमे आंगनबाड़ी केंद्र भवन नम्बर 3 में रनिंग वाटर स्थापना के नाम पर रिचार्ज बाउचर की तिथि 18/11/2022 की स्थिति में 77 हजार का आहरण किया गया है, जबकि मौके पर पेयजल से संबंधित ऐसा कोई कार्य नही कराया गया है जिससे इस आंगनबाड़ी में अक्षर ज्ञान सीखने वाले नौनिहाल बच्चों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके और उन बच्चों का पानी सरपंच- सचिव मिलकर पी गए। भ्रष्ट्राचार का खेल खेलकर ग्राम विकास के पैसे से अपना आर्थिक विकास करने वाले भ्रष्ट्रसुरों के करतूतों को पूर्व में भी खबर के माध्यम से सामने लाकर संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया भी गया। जिसे लेकर अधिकारियों के सुर जांच व कार्रवाई की रही और यह कहते नही थके कि जांच करायी जाएगी और गड़बड़ी पायी गई तो निश्चित रूप से कार्रवाई व वसूली की प्रक्रिया अपनायी जाएगी। किन्तु अधिकारियों के उक्त कथन सिर्फ कथन तक ही सीमित होकर रह गई और कार्रवाई के शब्द टांय- टांय फिस्स हो गए। नतीजतन सरपंच- सचिव के हौसले आसमान की बुलंदियों पर पहुँच चुकी है और बिना किसी डर व भय के भ्रष्ट्र कृत्य को अंजाम दे रहे है। अधिकारी यदि इस पंचायत के मूलभूत, 14वें, 15वें मद से अबतक कराए गए सभी कार्यों की निष्पक्ष जांच करें तो यकीनन बड़ा भ्रष्ट्राचार का खुलासा होगा, किन्तु दुर्भाग्य कि ऐसा हो नही पा रहा और यह पंचायत धरातल पर विकास को तरस रहा है।

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