फुलवारी पारा के ग्रामीणों ने जंगल का किया आपसी बंटवारा


पाली गोंडवाना संदेश – वन विकास निगम परियोजना परिक्षेत्र कोटा परिसर भैसाझार परिसर सिल्ली जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ अंतर्गत कक्ष क्रमांक 84 में ग्राम पंचायत शिवपुर के अधीनस्थ ग्राम फुलवारी पारा के ग्रामीणों ने उपस्थित होकर जंगल का आपसी बटवारा किया गया।
           ग्रामीणों के द्वारा सुबह से ही मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों के द्वारा एक दिन पूर्व गांव में बैठक कर निर्णय लिया गया कि गांव से लगा हुआ जंगल वन विकास निगम परियोजना परिक्षेत्र कोटा परिसर भैसाझार सर्किल सिल्ली अंतर्गत कक्ष क्रमांक 84 की अन्य पंचायत के ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है । अतिक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीणों द्वारा पंचायत स्तर के जनप्रतिनीधि से लेकर वन विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका था । उक्त जंगल में बाहरी लोगों के द्वारा पूर्व में किए गए पौधारोपण हरे भरे कीमती सागौन पौधा को काटकर अतिक्रमण किया जा रहा है जिस पर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण रोकने का मांग किया गया था लेकिन विभाग द्वारा किसी भी प्रकार से कोई कार्यवाही नहीं करने की वजह से अतिक्रमणकारियों का हौसला बुलंद होते जा रहा था जिससे नाराज होकर फुलवारी पारा के ग्रामीणों ने बैठक कर निर्णय लिया कि शासन के द्वारा अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार से कानूनी कार्रवाई नहीं किया जा रहा है इसलिए ग्रामीणों ने उक्त जंगल को पूरे ग्राम वासियों को बराबर बराबर हिस्सा में आपसी बटवारा करने का निर्णय लिया गया ।
मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों द्वारा पूर्व में वन विभाग के अधिकारियों को उचित कार्यवाही के लिए आवेदन पत्र दिया गया लेकिन वन विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार से कार्रवाई नहीं करने के कारण ग्रामीणों में रोज व्याप्त है ग्रामीणों का कहना है कि उक्त जंगल को हम बचाना चाहते हैं , हमारा उद्देश्य जंगल पर अतिक्रमण करना नहीं है लेकिन वन विभाग की उदासीनता की वजह से ग्राम वासियों द्वारा उचित कार्य करने के उद्देश्य से जंगल में कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है यदि वन विभाग के द्वारा पूर्व में किए गए अतिक्रमण पर तत्काल कार्यवाही किया जाता है तो हमारे द्वारा जंगल में किसी भी प्रकार से कोई अतिक्रमण नहीं किया जाएगा , ग्राम वासियों का उद्देश्य है कि जंगल सुरक्षित रहे और जंगल में पौधा रोपण कार्य वन विभाग द्वारा कराया जाए । उक्त संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि
उक्त विवादित वन भूमि जो पूर्व में पटवारी हल्का नंबर 9 के राजस्व रिकॉर्ड में खसरा 433 उल्लेख है ,वर्ष 1975 – 76 में शासन द्वारा 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत वर्तमान पंचायत परसदा के आश्रित ग्राम बापापुती के किसानों को पट्टा प्रदान किया गया था लेकिन पट्टाधारी किसानों के द्वारा आज तक उक्त जमीन पर किसी भी प्रकार से जीवन यापन के उद्देश्य से खेती किसानी नहीं किया गया है पट्टा के शर्तानुसार पट्टा स्वतःही निरस्त हो चुका है , पट्टा में कंडिका क्रमांक 13 में स्पष्ट उल्लेख है कि पट्टा 10 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाएगा पट्टाधारी को 5 वर्ष के अवधि में 75% भूमि को कास्त में लाना अनिवार्य होगा अन्यथा पट्टा स्वतः ही रद्द माना जाएगा ।
पूर्व सरपंच श्रीमती कुंती बाई का कहना है कि उक्त पट्टा तत्कालीन कलेक्टर राजकमल थे इस अवधि में पट्टा निरस्त किया जा चुका है ।

उक्त संदर्भ में ग्राम पंचायत शिवपुर के सरपंच ने कहा कि
” वन विभाग का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया क्योंकि पूर्व में वन विभाग के अधिकारियों को पत्र व्यवहार किया गया लेकिन किसी भी प्रकार से कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीण नाराज हैं ग्रामीण उक्त वन भूमि को सुरक्षित रख पौधारोपण की मांग कर रहे हैं जिस पर वन विभाग को तत्काल गंभीरता पूर्वक कार्यवाही करते हुए अतिक्रमण रोकना चाहिए”
राजू जगत
सरपंच
ग्राम पंचायत शिवपुर
                   वन परिक्षेत्र अधिकारी वन विकास निगम परिसर भैंसाझार के द्वारा बताया गया कि उक्त वन भूमि में पौधारोपण के लिए पंचायत के द्वारा प्रस्ताव प्राप्त होने पर पौधा रोपण कार्य किया जाएगा जो भी अतिक्रमण किया जा रहा है , उस पर उचित कार्यवाही किया जाएगा “
पीयूष बजाज
वन परिक्षेत्र अधिकारी
वन विकास निगम परिसर भैसाझार जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
वन परिक्षेत्र अधिकारी पाली का कथन है कि उक्त जंगल पूर्व में रेगुलर को आवंटित था लेकिन वर्तमान में उक्त जंगल वन विकास निगम परिसर भैंसाझार जिला बिलासपुर को हस्तांतरित किया जा चुका है।
लकड़ा
वन परिक्षेत्राधिकारी पाली
वन मंडल कटघोरा जिला कोरबा छत्तीसगढ़
Digital Griot

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