गुणवत्ताहीन निर्माण से ग्रामीणों ने जताया नाराजगी


पाली गोंडवाना संदेश सरकार कितने भी दावे कर ले कि ग्रामीण विकास की ओर उसका ध्यान है लेकिन सरकार की योजनाओं में पलीता लगाने का काम अफसरशाही की मिलीभगत से ठेकेदार कर रहे है और सब आंखे मूंदकर सरकारी खजाने को लुटता हुआ देख रहे है। ऐसे ही सरकार की एक अति महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी नल जल योजना के द्वारा हर घर में नल से जल पहुंचाने का उद्देश्य है और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा हर गांव में जल जीवन मिशन के माध्यम से टंकी बनाकर हर घर में नल कनेक्शन पहुँचाने का काम किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण महिलाओं को सिर पर दूर दराज के कुँए और हैंडपंपों से पानी न ढोना पड़े। लेकिन सरकार की इस योजना को अधिकारी, ठेकेदार मिलकर भ्रष्टाचार का पलीता लगाने में तुले है। जिससे घटिया निर्माण के साथ ही क्षतिग्रस्त होने भी लगे है।
                 गौरतलब है कि प्रदेश के हर ग्राम की तरह ही पाली विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पोड़ी में भी जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना का काम हो रहा है, लेकिन ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार द्वारा तय मानकों को ठेंगा दिखाकर योजना को भ्रष्टाचार की बलि चढ़ा दिया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के देखरेख में होने वाले इस कार्य मे ठेकेदार की मनमानी से गुणवत्तापूर्ण की जगह गुणवत्ताहीन निर्माण चल रहा है। ग्रामीण सूत्रों के अनुसार नलों के चैम्बर निर्माण में घटिया सामाग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिसमे 1 बोरी सीमेंट से 2 चैम्बर का निर्माण हो रहा है। इस कार्य मे रेत की मात्रा अधिक होने के कारण चैम्बर बनने के साथ ही क्षतिग्रस्त होने शुरू हो गए है, जबकि सूत्र बताते है कि 1 चैम्बर निर्माण में लगभग 7 हजार खर्च स्टीमेट में दर्ज है लेकिन उक्त निर्माण में इसके आधा राशि भी खर्च नही हो रहा है। ऐसे में ठेकेदार की मनमानी से इतना सब कुछ हो रहा है और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों में चुप्पी है। जिससे लगता है कहीं न कहीं सबका अपना- अपना हिस्सा तय है। नलों से घर में पानी आने से पहले ही योजना के सरकारी पैसे को पानी की तरह बहाया तो जा रहा है किंतु काम सही नही हो रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि कैसे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का हर घर जल पहुंचाने का सपना साकार होगा, इन ठेकेदारों और आला अधिकारियों पर कार्यवाही कौन करेगा। ठेकेदार द्वारा निर्माण सामग्री घटिया किस्म की प्रयोग में लाई जा रही। यह कहानी अकेले पोड़ी पंचायत की नहीं है बल्कि जहाँ- जहाँ नल जल योजना का काम चल रहा है वहाँ- वहाँ ठेकेदार विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से लापरवाही बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जनता तक पानी पहुंचे न पहुंचे लेकिन इस भ्रष्टाचार का पैसा ठेकेदार से लेकर अधिकारी और नेताओं तक जरूर पहुंच रहा है। तभी तो अधिकारी और जनप्रतिनिधियों द्वारा ठेकेदार के घटिया निर्माण कार्य पर गौर नहीं किया जा रहा है। इस प्रकार के कार्य कराकर सरकार के नुमाइंदे अपनी पीठ खुद ही थपथपा लेंगे लेकिन आम नागरिकों को क्या मिलेगा, ग्रामीण महिलाओं को तो पानी की किल्लत से निजात मिलने से तो रही। ठेकेदार द्वारा सरकार से तय मापदंडों को किनारे कर मनमर्जी से कार्य कराते हुए गुणवत्ताहीन सामग्री का प्रयोग किया जाना अधिकारियों का हिस्सा उजागर करता है क्योंकि भ्रष्टाचार के पैसे से अपनी जेबें भरकर यही अधिकारी गुणवत्ताहीन सामग्री और निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण बताकर मूल्यांकन करेंगे और जनप्रतिनिधियों से उद्घाटन कराकर वाहवाही लूटने का काम भी करेंगे लेकिन इस पर कार्यवाही भी होगी या फिर सरकारी खजाने की लूट खसोट यूँ ही अपनी रफ्तार से चलती रहेगी, यह फिलहाल गर्त में है। बहरहाल पोड़ी के ग्रामीणों ने नलजल योजना में घटिया निर्माण का आरोप लगाकर जांच व कार्यवाही की मांग प्रशासन से की है।
Digital Griot

Leave a Comment

Read More