जल निगम अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड हत्याकाण्ड की सी.बी.आई.जांच कराने की मांग को लेकर बलिया रेलवे स्टेशन से न्याय मार्च निकाला गया.


बलिया। रतसड़कला के मूल निवासी जिला-सुल्तानपुर जल जीवन मिशन जल निगम ग्रामीण अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड हत्याकाण्ड 17 अगस्त 2024 की उच्च स्तरीय जांच मा. उच्च न्यायालय के निगरानी में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी.बी.आई.) से कराने, हत्यारों को फांसी की सजा देने, पीड़ित परिवार को 5 करोड़ का मुआवजा देने व किसी सदस्य को ग्रेड-2 सरकारी नौकरी देने तथा परिवार की सुरक्षा की गारंटी देने की मांग को लेकर 27अगस्त 2024 को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तत्वावधान में बलिया रेलवे स्टेशन से जिलाधिकारी कार्यालय तक न्याय मार्च निकाल कर जोरदार प्रदर्शन किया गया तथा मा.प्रधानमंत्री व मा.मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रवीन कुमार लक्षकार के हाथों में सौपा गया! इस अवसर पर उपस्थित हत्या मृतक अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड के छोटे भाई संजय गोंड, निर्लेश कुमार गोंड व रवि कुमार गोंड ने संयुक्त रूप से कहा कि 15 अगस्त की सांय को बड़े भाई अधिशासी अभियंता संतोष कुमार गोंड से हमारी बात फोन पर हुई थी उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में निजी कम्पनियां बिना सही काम कराये ही भुगतान का दबाव बना रही है जिसमें संविदा सहायक अभियन्ता अमित कुमार भी संलिप्त है। जल जीवन मिशन में मानक के अनुसार सही काम न करने वाली इन निजी कम्पनियों को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए 250 पेज का चार्जशीट तैयार किया जा रहा है। आगे बताया कि मुख्य अभियुक्त संविदा सहायक अभियन्ता अमित कुमार के अपराधिक व्यवहार के खिलाफ व इसे हटाने के लिए अधिशासी निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन उत्तर प्रदेश, लखनऊ को भी गोपनीय पत्र लिखे थे लेकिन संज्ञान नहीं लिया गया न ही समय रहते कोई कार्यवाही की गयी। इसलिए ऐसी स्थिति में उच्च न्यायालय की निगरानी में उच्चस्तरीय जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए तभी इस हत्याकाण्ड में संलिप्त सभी लोगों का पर्दाफास होगा। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरविन्द गोंडवाना ने कहा कि आदिवासी जनजाति समुदाय के एक गरीब परिवार से अपनी शिक्षा के बल पर अधिशासी अभियन्ता के पद तक पहूँचने वाले संतोष कुमार गोंड की निर्मम हत्या हो जाती है और इस पूरे प्रकरण पर मा. मुख्य मंत्री जी और न ही भाजपा योगी सरकार का कोई जिम्मेदार मंत्री ही कुछ बोले! कहा कि सरकार की महत्वकांक्षी स्वच्छ पेय जल योजना भ्रष्टाचार लूट घोटाले की भेट चढ़ गयी है। गांव-गांव में स्वच्छ जल हेतु जो पानी की टंकी बनी है वो मात्र शो-पीस बनकर रह गयी है। निजी कम्पनियों द्वारा वाटर सप्लाई पाईप मे बड़े पैमाने पर घोटाला, भ्रष्टाचार किया गया है मानक के विपरीत घटिया पाईप लगाया गया है। अधिकांश गांव में कही भी पानी नहीं आता है। अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड एक नेक ईमानदार अधिकारी थे जो मानक के अनुसार ही सही कार्य कराना चाहते थे जो निजी कम्पनियों के साजिश के शिकार हो गये। जल जीवन मिशन के शहीद बन गये है। इस प्रकरण पर भाजपा की केन्द्र व प्रदेश सरकार की चुप्पी हर घर नल और हर नल में जल योजना पर सवाल खड़ा करता है। आगे कहा कि अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर आन्दोलन सुल्तानपुर से लगायत लखनऊ व नई दिल्ली तक लगातार जारी रहेगा। न्याय मार्च आन्दोलन में प्रमुख रूप से हत्या मृतक अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड के तीनों छोटे भाई संजय गोंड, निर्लेश कुमार गोंड, रवि गोंड के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारीगण मनोज शाह, जिलाध्यक्ष सुमेर गोंड, प्रदेश महासचिव परशुराम खरवार, सुरेश शाह, का0 रामानन्द गोंड, विशाल गोंड, अभिषेक गोंड, शिवशंकर खरवार, सोनू गोंड, कन्हैया गोंड, रोहित कुमार, छोटू पाल, विष्णु ओझा, अक्षयलाल, अखिलेश गोंड, अनिल गोंड, मनीष गोंड, गोपाल, राजेन्द्र गोंड, गुड्डू गोंड, सूचित गोंड, ओमप्रकाश गोंड रहे।

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