15 साल से लंबित खारुन नदी एनीकट निर्माण के संबंध में विधायक मरकाम द्वारा मंत्री जल संसाधन विभाग से जानकारी चाहा


कोरबा गोंडवाना संदेश: – छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी जी द्वारा क्षेत्र की किसानों के मंशानुरूप सिल्ली में आयोजित किसान सम्मेलन 2001 में ग्राम पंचायत बतरा के आश्रित ग्राम बिजराभवना के पास खारुन नदी में डेम बनाकर पाइप लाइन के माध्यम से कुम्ही पानी जलाशय में जल संग्रहण कर ग्राम पंचायत ,सिल्ली , परसदा शिवपुर। निरधी एवं पोलमी के असिंचित क्षेत्र को सिंचित करने के लक्ष्य से जनता के मंशा अनुरूप घोषणा किया गया था लेकिन घोषणा के 23 साल बाद भी किसानों को एक बूंद पानी नहीं मिलना क्षेत्र की जनता के लिए इससे बड़ी बदकिस्मती क्या हो सकती है । क्षेत्रीय विधायक तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम को जनसंपर्क के दौरान क्षेत्र के किसानों से मिले मौखिक शिकायत के आधार पर माननीय मंत्री महोदय जल संसाधन विभाग से विधानसभा सत्र में सवाल किया गया तब माननीय मंत्री द्वारा दिए गए जवाब का संबंध सवाल से कहीं भी संबंधित नजर नहीं आता ।
विधायक पाली तानाखार श्री तुलेश्वर सिंह मरकाम द्वारा जानकारी चाहा गया कि विधानसभा क्षेत्र 23 पाली तानाखार के विकासखंड पाली अंतर्गत किसानों के फसल हेतु सिंचाई की भीषण समस्या बहुत लंबे समय से व्याप्त है । विभागों द्वारा आज दिनांक तक किसानों की सिंचाई व्यवस्था के लिए उदासीनता बरती जा रही है ।क्योंकि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लगभग विगत 15 वर्ष पूर्व खारुन नदी एनीकट बिजराभौना ग्राम पंचायत बतरा जनपद पंचायत पाली से कुम्ही पानी जलाशय बतरा में लिफ्ट ( पाइप ) से जल संग्रह करने का प्रावधान कर निर्माण कार्य किया गया है जिससे आसपास के ग्राम निरधी, धावा, बापापुती, कर्रानारा, शिवपुर, मानिकपुर, राऊततालाब, बंधियापारा, फुलवारी पारा, बावापारा, सरगबुंदिया, बरहापारा, रोहिनाडिह, घुनघुट्टीपारा ,के लगभग 1500 से 2000 एकड़ किसने की भूमि में सार्वजनिक सिंचाई होना सुनिश्चित था किंतु विभाग के उदासीनता एवं घोर लापरवाही पूर्वक निर्माण कार्य किए जाने से खारून नदी एनीकट से कुम्हीपानी जलाशय में जल संग्रह किया जाना प्रारंभ नहीं हो सका है । जिससे क्षेत्र के किसानों को आज पर्यंत तक सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पाया । जिससे यह स्पष्ट होता है कि ठेकेदार एवं अधिकारियों की मिली भगत से व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया गया है । जिसके कारण आज पर्यंत तक सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण शासन और प्रशासन के प्रति किसानों में रोष और आक्रोश व्याप्त है ।
अतः क्षेत्र के किसानों की हित के विरुद्ध में किए गए भ्रष्टाचार की जांच करने हेतु उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किए जाने का मांग करता हूं । जनहित में सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षण कराना चाहूंगा।
Digital Griot

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