Gondwana sandesh कोरबा। एक जुलाई से पूरे देश का कानून अपनी नई ‘भाषा और परिभाषा’ के साथ लागू होगा। ब्रिटिश काल में सन 1860 में अंग्रेजों ने अपनी सुविधानुसार जिस IPC (INDIAN PENAL CODE) को लागू किया था, उससे लगभग छुटकारा मिल जाएगा जिसे अब आईपीसी नहीं, बल्कि BNS (भारतीय न्याय संहिता) बोलेंगे। पुलिस के ‘जनाब’। एफआईआर के हेड लाइन के साथ, सेक्शन, डिजिटल, फॉरेंसिक जांच के तौर तरीके सभी बदले जा चुके हैं।
कोरबा जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा नए कानूनों के संबंध में जानकारी देने के लिए कार्यशाला रविवार 23 जून को आयोजित की जा रही है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार साहू विषय विशेषज्ञ के तौर पर बदले कानूनों से अवगत कराएंगे।
एक जुलाई से देश भर में भारतीय न्याय संहिता यानी BNS लागू हो जाएगी। पहले की FIR: FIRST INFORMATION REPORT (धारा 154 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत)
1 जुलाई से FIR: FIRST INFORMATION REPORT (धारा 173 बीएनएनएसएस के अंतर्गत) एफआईआर का बाकी फॉर्मेट उसी तरह का दिखेगा।
0 BNS में अब इन धाराओं से पहचाने जाएंगे गंभीर अपराध
रेप और पॉक्सो- बीएनएस 65 और 4 पॉक्सो (कम से 20 वर्ष की सजा या आजीवन कारावास, जुर्माना)
हत्या- बीएनएस 103 (1)- मृत्युदंड या आजीवन कारावास
मॉब लिंचिंग- बीएनएस 103 (2)- पांच से अधिक लोगों का ग्रुप मिलकर जाति, धर्म, संप्रदाय, भाषा को लेकर हत्याएं करता है, ऐसे ग्रुप के हर एक सदस्य को दोष साबित होने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा।
किडनैपिंग- बीएनएस 137- कम से कम सात साल और इससे अधिक की सजा, जुर्माना भी
फिरौती के लिए किडनैपिंग- बीएनएस 140 (2) मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा
स्नैचिंग- बीएनएस 304 – कम से कम तीन साल की सजा और जुर्माना
दंगा- बीएनएस 189/190/191/ 192/324/ 117/ 57/ 61/3(5)- कम से कम 7 साल की सजा
दहेज के लिए हत्या- बीएनएस 80 (2) – कम से कम सात साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा
एक्सिडेंट में मौत- बीएनएस 106(2)- अधिकतम 10 साल की सजा और जुर्माना
हत्या की कोशिश- बीएनएस 109- मृत्युदंड या आजीवन कारावास
श्रम मंत्री की उपस्तिथि में आज कार्यशाला का उद्घाटन
23 जून को ज़िला प्रशासन एवं कोरबा पुलिस द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में न्यायिक दंडाधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, व पुलिस विभाग के अधिकारियों को बताने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट ऑडिटोरियम में सुबह 10 बजे से एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। लखन लाल देवांगन (वाणिज्य और उद्योग श्रम मंत्री छत्तीसगढ़ शासन) के मुख्य आतिथ्य में कार्यशाला का उद्घाटन किया जाएगा। नये क़ानून के बारे में जानकारी देने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। लागू होने वाले नए कानून देश की न्याय व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाएंगे।
