गोंडवाना संदेश।पाली ( कोरबा ) – लोक सभा चुनाव को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र चुनाव के लिए श्याम सिंह मरकाम राष्ट्रीय महासचिव को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन प्रत्याशी का कार्यक्रम व जनसंपर्क की किसी भी प्रकार से जानकारी सोशल मीडिया व समाचार पत्रों में प्रसारित न होने से कांग्रेस भाजपा के कार्यकर्ता इस बात का चिंतन करने में लगे हैं , आखिर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी अपना रुझान व कार्यकर्ताओं को फ्री हैंड किस ओर छोड़ना चाहते हैं, क्योंकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कोरबा लोकसभा क्षेत्र में थर्ड अंपायर की भूमिका में है, भले ही कांग्रेसी दावा कर रहे हैं, या फिर भाजपाई दावा करे । कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनीति दल के कार्यकर्ता या पदाधिकारी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं को साधने में लगे हैं, कि लोकसभा चुनाव जितना गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वश में नहीं है, इसलिए सत्ता का सुख लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में कार्यकर्ताओं को मतदान कराने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रयासरत है । राजनीतिक दल बदल को गांव के जनता भी आज भली भांति समझ गए हैं । स्थानीय कार्यकर्ता या पदाधिकारी अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए राजनीति में मतदाता को उपयोग करते हैं । गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राजनीतिक पंडित से चर्चा करने पर बात स्पष्ट हुआ कि लोकसभा चुनाव 2024 कांग्रेस और भाजपा के लिए एक चुनौती है, क्योंकि जिस प्रकार से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता बिना हो हल्ला किये जमीन में कार्य कर रहे हैं ।इससे स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, कि वर्तमान लोकसभा चुनाव में राजनीतिक समीकरण क्या होगा ? उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि कांग्रेस और भाजपा सिर्फ पैसे के दम पर राजनीति करता है ,यदि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जो मिशन है, उस मिशन के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने में यदि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता सफल हो जाते हैं तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का चुनाव जीतना संभव ही नहीं बल्कि सुनिश्चित हैं।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समालोचक ने स्पष्ट रूप से इशारा कर दिया है । यदि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रणेता के द्वारा संचालित गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन के किसी भी एक शाखा का कार्यकर्ता है, तो वे एक बाप एक बात को स्वीकार करते होंगे तो जिंदगी भर वे कांग्रेस और भाजपा को मतदान नहीं करेंगे ।क्योंकि यह दोनों राजनीतिक दल एस टी, एस सी ,ओबीसी का कभी संवैधानिक रक्षा नहीं किया है । यह दोनों राजनीतिक दल सिर्फ मतदान के लिए उपयोग करता है । यदि संवैधानिक रूप से उन्हें अधिकार दिया होता तो आज विभिन्न क्षेत्रीय राजनीतिक दल का उदय नहीं हुआ होता ।
उन्होंने आगे कहा कि यदि संविधान की रक्षा करना है तो जिस प्रकार से वर्तमान सरकार द्वारा तानाशाह रवैया अपनाया जा रहा है ,उस रवैया से निजात पाने भाजपा को सत्ता में आने से रोकने की आवश्यकता है ।
